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हां में जिंदा हूं…महिला खुद को जिंदा साबित करने काट रही दफ्तरों के चक्कर,सरकारी योजनाओं का नही मिल रहा लाभ

Kashi Agrawal
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डिंडोरी। शहपुरा जनपद पंचायत अंतर्गत भिम्पार निवासी महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रही है। प्रषासन की लापरवाही का खामियाजा महिला और उसके परिवार को भुगतना पड रहा है। सरकारी दस्तावेज में नाम विलोपित होने के कारण महिला को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है , जिससे परेषान महिला ने कलेक्टर कार्यालय में लिखित आवेदन देते हुए सरकारी दस्तावेजों में नाम जुडवाने की मांग की है। आवेदन में सोनिया बाई यादव पति स्व.मानसिंह यादव उम्र लगभग 62 वर्ष निवासी भिम्पार ने उल्लेख किया है कि 12 मई 2024 को पति मानसिंह का स्वर्गवास हो गया था जिसकी जानकारी मेरे द्वारा ग्राम पंचायत में दी गई थी तब ग्राम पंचायत द्वारा पति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया था तथा पति का नाम सरकारी दस्तावेज से हटा दिया गया साथ ही मुझे भी मृतक घोषित करते हुए मेरा नाम विलोपित कर दिया गया ।

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सरकारी दस्तावेज में मृतक दर्ज होने के कारण सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली से राषन नही मिल रहा है जबकि मेरे आश्रित परिवार के अन्य 6 सदस्य है जिन्हे भी परेषानी उठानी पड रही है। जबकि मेरे नाम से राषन कार्ड क्रमांकं 30955403 एवं पात्रता पर्ची क्रमांक 92512006 भी जारी है। वहीं वृद्धा पेषन की सूची से भी नाम विलोपित कर दिया गया है। आलम यह है कि जीवित होते हुए भी महिला को मृत घोषित करने से पिछले एक वर्ष से योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड रहा है।

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महिला ने बतलाया कि अनेकोबार मौखिक तौर पर ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों से पुनः नाम दर्ज करने का आग्रह कर चुकी है लेकिन किसी भी तरह की मदद नही की जा रही है। प्रषासनिक गड़बड़ी का यह पहला मामला नही है बल्कि पूर्व में भी और भी ग्रामींण ग्राम पंचायत के नुमाईदों की करतूत के कारण उन्हे मृत करार दिया गया है जिसके कारण शासन की योजनाओं से वंचित रहना पड रहा है और खुद को जिंदा साबित करने के लिए ग्राम पंचायत सहित भोपाल तक चक्कर काट रहे है।

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