
डिंडौरी। शासन द्वारा कृषि सह व्यवसाय को प्राथमिकता देते हुए पशुपालकों को अनुदान स्वारूप प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री मध्य शासन द्वारा की गई हैं। परंतु पशुओं को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध ही नहीं हैं। जबकि अमरपुर ब्लॉक मुख्यालय में पशु चिकित्सालय भवन निर्मित था और चिकित्सक भी पदस्थ रहे। परंतु वर्तमान समय में पुराना भवन जीर्ण शीर्ण हो चुका हैं। और चिकित्सक भी नहीं हैं। इस समय चिकित्सालय पुराने ग्राम पंचायत के एक छोटे से कमरे में संचालित हो रहा हैं। जहां तक पहुंचने के लिए पर्याप्त मार्ग भी नहीं हैं। जिसके लिए भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि की मांग की गई थी।

भूमि आवंटन हेतु न्यायालय अपर कलेक्टर डिंडौरी में राजस्व मामला क्रमांक 12 (अ)- 19/3) 11-12 दर्ज कर नायब तहसीलदार को प्रतिवेदन मांगा गया। नायब तहसीलदार की जांच के दौरान इश्तिहार का प्रकाशन किया गया। समय अवधि में आपत्ति ना आने पर प.ह.नं. 74 ग्राम अमरपुर की घास मद की भूमि खसरा नंबर 390 रकवा 1.14 हेक्टर में से 0.02 हेक्टर ग्राम पंचायत की ग्राम सभा बैठक दिनांक 14/4/2012 के प्रस्ताव क्रमांक 36 अनुसार उक्त भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया था।

इन्हीं आधार पर म.प्र.भू. राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के प्रावधान अनुसार पशु चिकित्सालय भवन निर्माण हेतु खसरा नंबर 390 रकवा 1.14 हेक्टेयर में से 0.02 हेक्टेयर भूमि म. प्र. पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग को हस्तांतरित आदेश दिनांक 7/5/2012 को किया जा चुका हैं। फिर भी पशुओं की उपचार हेतु एक भवन नहीं बनाया जा सका हैं। भवन निर्माण एवं चिकित्सक पदस्थ करने की जनअपेक्षा क्षेत्रीय कृषकों के द्वारा की गई हैं।
