
डिण्डौरी। खनिज अमले की उदासीनता और नजर अंदाजी के चलते शहपुरा क्षेत्र में गिट्टी की रायल्टी की आड में रेत का परिवहन करके प्रशासन की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। जिससे शासन को राजस्व की क्षति भी हो रही है।


शिकायत में बतलाया गया कि प्रशासन को गुमराह करने की नियत से लोडिंग लोकेशन की भी भ्रामक जानकारी दर्ज की जा रही है। इसी भ्रामक जानकारी के जरिये उमरिया जिले के बांका चंदिया क्षेत्र से गिट्टी की ई-खनिज अनुज्ञा जारी की जाती है। जबकि वाहन में उमरिया से शहपुरा तक रेत का परिवहन किया जाता है। पूरी करतूत में अहम बात यह है, कि जिस ई-खनिज रायल्टी के माध्यम से उमरिया चंदिया से फर्जीवाडा करके रेत का परिवहन हो रहा है, वह ई-खनिज अनुज्ञा शहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरभगदू के पोषक ग्राम सकती भगदू माल में संचालित क्रेशर उत्खनन हेतु जारी की गई है। लेकिन इसका दुरूपयोग उमरिया से शहपुरा तक फर्जी तरीके से रेत परिवहन में किया जा रहा है।
यह है मामला
कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व को पेश किये गये शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है, कि शहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम शक्ति भगदू माल में शारदा राय के नाम से पौने तीन एकड पत्थर खदान स्वीकृत है। यहीं पर इनका क्रेशर भी संचालित है। यहां की गिट्टी परिवहन हेतु ई-खनिज अनुज्ञा जारी की गई है। आरोप है, कि क्रेशर संचालक शारदा राय इस ई-रायल्टी में लोडिंग लोकेशन में छेडछाड करके शहपुरा ग्राम शक्ति भगदू माल की जगह उमरिया जिले की चंदिया तहसील के बांका ग्राम दर्ज करके इस भ्रामक रायल्टी के जरिये चंदिया से शहपुरा क्षेत्र में रेत का परिवहन कर रहा है। गिट्टी परिवहन अनुज्ञा की आड में रेत परिवहन से प्रति चक्कर जहां खनिज माफिया मोटी चांदी कमा रहा है। वहीं इस अनदेखी के चलते शासन को राजस्व का चूना लग रहा है।
किसकी शह पर चल रहा फर्जीवाडा
अब बडा सवाल यह है, कि शासकीय रायल्टी ई.टी.पी. में लोकेशन और गौड खनिज पदार्थ में फर्जीवाडा करने वाले माफिया आखिर किसकी शह पर करतूत को अंजाम दे रहे हैं। उमरिया जिले से शहपुरा तक होने वाली खनिज जांच कार्रवाई पर प्रश्न खडे हो रहे है। फिलहाल शिकायत पर प्रशासन कितना गंभीर रूख अपनाता है, यह देखना अब दिलचस्प होगा।परन्तु कलेक्टर और एसडीएम को हुई शिकायत के बात यदि मामले की जांच होती है तो सभी तथ्य सामने आ सकते है।
