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रिश्वत लेकर नगर परिषद शहपुरा में अवैध भर्ती करने का आरोप,आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल से की गई लिखित शिकायत

Kashi Agrawal
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डिंडौरी। नगर परिषद शहपुरा में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी शहपुरा द्वारा मस्टर में अवैध भर्ती किए जाने के संबंध में आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल से शिकायत की गई है। शिकायत में लेख किया गया कि नगर परिषद शहपुरा में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी अरविंद बोरकर के द्वारा मस्टर में कर्मचारियों की अवैध रूप से भर्ती की गई है जबकि ऐसे कर्मचारियों की भर्ती हेतु वेतन का भुगतान ऐसे कर्मचारियों के हस्ताक्षर से निकाले गए है जो खुद मस्टर कर्मी के रूप में कार्यरत है। यह कृत्य घोर अनियमितता को दर्शाता है। आरोप लगाया गया है कि प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा ऐसे कर्मचारियों को रखे जाने हेतु शासन से किसी भी प्रकार की पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई है।

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दस कर्मचारियों को अवैध रूप से रखने के आरोप

शिकायत में लेख किया गया है कि नगर परिषद शहपुरा में पूर्व में कार्यरत कुछ मस्टर कर्मी को निकाय की वित्तीय स्थिति सही नहीं होने का हवाला देकर कार्य से पृथक किया गया था। निकाले गए उन मस्टर कर्मियों का 4-5 माह का वेतन भी नहीं दिया गया है। इसके विपरीत 10 कर्मचारियों को दैनिक कार्य हेतु अवैध रूप से रखा गया है और इनका वेतन आहरण किया जा रहा है। आरोप लगाया गया कि रुपए लेकर भर्ती किए गए कर्मियों के लिए सीएमओ ने नगर परिषद् की आर्थिक स्थिति सुधार तो लिया, लेकिन जो पुराने गरीब मास्टर कर्मी थे उनकी मेहनत का पारश्रमिक भुगतान न करना पड़े इस कारण परिषद् की खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर उन्हें काम से हटा दिया गया। इस अवैध भर्ती में पीआईसी के सदस्यों के साथ मिलाजुला खेल खेला गया है। सदस्यों के चहेते रिश्तेदारों को या उनके वार्ड के युवाओं को रखकर शासन के नियम कानून एवं निर्देशों को ताक में रख कर परिषद् की आर्थिक स्थिति को नजर अंदाज करते हुए घोर भ्रस्टाचार किया गया है।

नियमों के ताक पर रख की गई भर्ती

शिकायत में उल्लेख किया गया है कि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि अगर कोई अधिकारी शासन के पूर्व स्वीकृति के बिना किसी कर्मचारियों को दैनिक कार्य हेतु रखता है और उसे वेतन का भुगतान करता है तो उसके द्वारा किए गए सम्पूर्ण वेतन की वसूली संबंधित अधिकारी से की जावेगी। बावजूद इसके नियम को ताक में रखते हुए अरविंद बोरकर के द्वारा कर्मचारियों को दैनिक कार्य हेतु रखा गया है, जबकि कार्यालयीन कार्य में इस भर्ती के कर्मचारियों की कोई आवश्यकता ही नहीं है। प्रभारी सीएमओ ने स्थानीय कर्मचारियों से साठगांठ कर उन्हीं के परिवारजनों को ही मोटी रकम लेकर भर्ती कर लिया है। आयुक्त से मांग की गई है कि इस मामले की तुरंत जांच कराते हुए सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाए।

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