
डिंडौरी- जिले में पवित्र माह सावन के प्रारंभ होते ही भक्त महादेव की विधि विधान से पूजा अर्चना में लग गए हैं, सोमवार को इसी तारतम्य में क्षेत्र के समस्त शिवालयों में सुबह से श्रध्दालुओं की भीड़ उमड़ी, लोगों का दर्शन पूजन के लिए दिनभर आना-जाना लगा रहा, यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। वहीं इस पावन अवसर पर भक्तों ने नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की। गौरतलब हैं कि पवित्र माह सावन के चलते जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचल शिवमय हो गया है। जगह जगह रामायण पाठ और भजन कीर्तन का आयोजन किया जा रहा हैं। बताया गया कि सावन माह में प्रतिदिन नियमानुसार आशुतोष शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस माह का हर दिन विशेष होता है, लेकिन जो रोज भगवान शिव की पूजा नहीं कर सकते उन्हें सोमवार को शिव पूजन अवश्य करना चाहिए। व्रत के साथ पूजन किए जाने से उसका महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है।


नर्मदा स्नान को पहुंचे भक्त-
सावन माह के प्रथम सोमवार को जिला मुख्यालय सहित सिवनी संगम, रामघाट , जोगीटिकरिया घाट , मालपुर घाट, डोकरघाट, कुटरई घाट सहित अन्य नर्मदा घाटो में हजारो श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर तट पर स्थित भोलेनाथ मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना कर जलाभिषेक किया। बताया गया कि वैसे तो सावन माह के प्रारंभ होते ही नर्मदा स्नान करने लोग आ रहें हैं, लेकिन सोमवार के दिन तटों पर अधिक भीड़ देखी जा रही हैं। भक्त ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान करने पहुंचे, और आस्था की डुबकी लगाकर जल लेकर षिव मंदिरों के लिये रवाना हुये।
ऋणमुक्तेष्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का लगा तांता-
जिला मुख्यालय से 15 किलो मीेटर दूर कुकर्रामठ में स्थित ऋणमुक्तेष्वर मंदिर में भक्तो को अल सुबह से पूजन करने के लिए तांता लग गया और बडी तादात में भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्षन करने पहुंचे। जिला मुख्यालय से श्रद्वालुओं ने नर्मदा से कांवड में जल लेकर मंदिर पहुंच भगवान षिव का जलाभिषेक किये। मान्यता है कि ऋणमुक्तेष्वर मंदिर में भगवान षिव के दर्षन और पूजन करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। जानकार बतलाते है कि यह मंदिर 9वीं शताब्दी में कलचुरी कालीन राजा कोकिल्य शाह ने मंदिर को बनवाया था और भगवान षिव की स्थापना की थी। यह भी बतलाया गया कि यहां भगवान षिव के मंदिर के अलावा अन्य 9 मंदिर और थे । ़ऋणमुक्तेष्वर मंदिर में आस पास के ग्रामो से बड़ी तादात में श्रृद्धालु सावन मास में पहुंचते है और भगवान षिव का जल अभिषेक करते है । बतलाया जाता है कि यहां मांगी गई मन्नत पूरी होती है । सावन मास में भक्तों के द्वारा कावड में जल लाकर अभिषेक किया जाता है।
महिला कावड यात्रा का हुआ आयोजन-
जिला मुख्यालय में सावन मास के पहले सोमवार को विषाल महिला कावड यात्रा का आयोजन किया गया शनि सेवा समिति मढ़िया घाट नर्मदा गंज के तत्वाधान में कावड यात्रा सुबह 11 बजे निकाली गई प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी शनि सेवा समिति मढ़िया घाट की महिलाओं के द्वारा कावड यात्रा मढ़िया घाट से श्री त्रयंबकेष्वर महादेव मंदिर सिविल लाईन के लिए प्रस्थान की गई । यात्रा में शामिल महिलाओं ने नर्मदा से जल भरकर कंधे में कावड लेकर त्रयंबकेष्वर मंदिर पहुंची और भगवान षिव का जलाभिषेक कर विधि विधान से पूजा अर्चना की । इस दौरान बडी तादात में महिला ने भगवान षिव के जयकारा लगाते हुए यात्रा में भाग ली ।
रामायण पाठ का आयोजन-
पवित्र माह सावन की शुरुआत होते ही देव मंदिर व घरों पर भक्तों द्वारा रामायण पाठ का आयोजन निरंतर किया जा रहा हैं। दिन में जहां शिवालयों में महिला मंडली द्वारा रामायण पाठ और भजन से भोलेनाथ की स्तुति की जा रही है, वहीं रात्रि में पुरुष मंडली द्वारा संगीतमय रामायण पाठ के साथ भजनो का गायन किया जा रहा है। इसके अलावा देवालयों में अखंड रामायण पाठ भी जारी है।
