
डिंडौरी। आज भी ग्रामीण इलाकों में जाति, धर्म और समाज का बोलबाला है, सामाजिक कार्यक्रमों में जाति और समाज को लेकर दूरियां व्याप्त हैं, और इसका उदाहरण सामाजिक कार्यक्रम में दिखाई देता है, लोग जातिगत आधार पर एक दूसरे को निम्न वर्ग का बताने की कोषिष करते हैं, खासतौर पर खान-पान के दौरान यह साफ दिखाई देता है। ऐसा ही एक मामला कोतवाली थाना क्षेत्रअंतर्गत ग्राम लाखों का सामने आया है, जहां दशगात्र का चावल नहीं बनाने पर एक छात्र के साथ मारपीट की गई है। इस संबंध में पीड़ित 18 साल के छात्र ने कोतवाली पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि मैं डिंडौरी में कालेज से बीए की पढ़ाई कर रहा हूं। गांव में बैगा समाज के राम बाबू ने हमारे परिवार को दसगात्र का चावल बनाने खाने के लिये दो तीन दिन पहले दिया था। दूसरे समाज का चावल होने से हम चांवल को घर में अलग रखे थे, नहीं बनाये थे। बुधवार को मैं शाम को भर्राटोला तरफ घूमने गया था, तभी शाम करीब 06 बजे रास्ते में राज कुमार, राम बाबू मिले और कहा कि दसगात्र का जो चावल दिये है उसको आज बनाओ। मैंने चंावल बनाने से मना कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों मुझे गाली गलौच देने लगे। मंैने मना किया तो दोनों ने मारपीट की, साथ ही जान से मारने की धमकी देते हुये वहां से चले गये। घटना को गांव के कुछ ग्रामीणों ने देखा सुना है। मारपीट से मुझे चोट आई है। घटना की बात मै घर जाकर अपने पिता को बताया हूं। समय अधिक होने व साधन न होने से रिपोर्ट करने नहीं आ पाया था। गुरुवार को पीड़ित द्वारा की गई रिपोर्ट पर आरोपियों के विरुद्ध बीएनएस की धारा 296,115 (2), 351(2), 3 (5) का अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया।


